Saturday 28 January 2017

कभी यादों में आऊँ कभी ख्वाबों में आऊँ......अल्फाज़ पुराने कहानी नयी

कभी यादों में आऊँ कभी ख्वाबों  में  आऊँ तेरी पलकों के साये में आकर झिलमिलाऊं..यह अल्फाज़ पढ़ते ही ३ किरदारों की कहानी याद आती है या फिर सूनने  के शोकीन लोगो को भागती ज़िन्दगी में थोडा सुकून महसूस होता है अभिजीत का गाया यह गाना उनके शानदार एल्बम तेरे बिना से है और उन्होंने गाया भी कमाल है पर यहाँ बात उनके गाये उस गाने या एल्बम की नहीं है बल्कि एक नयी कहानी  नये किरदारों की है जैसा की आजकल काफी गानों के रीमेक बन रहे है जिनमें पहली वाली बात तो नहीं रहती पर कुछ गानों में एक ईमानदार कोशिश नज़र आती है ..और यह कोशिश अरिजीत भी कर चुके है गुलों में रंग भरे ग़ज़ल को एक अलग अंदाज़ में पेश करके ..और  कभी यादों में आऊँ के नए रूप में भी उन्होंने अपनी आवाज़ दी है पर वो ना के बराबर है

यह पुराने अल्फाजों  में नयी कहानी जो है उसको आवाज़ दी  है पलक ने  जो की बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं और अपनी मधुर आवाज़ से उन्होंने  इस गाने को भी बखूबी निभाया है ..और किरदार जो निभाया है वो है दिव्या खोसला कुमार ..जो निर्माता निर्देशक  और एक अभिनेत्री भी है और इस गाने में भी उन्होंने अपना किरदार बड़ा ही अच्छा निभाया है और उतनी ही खूबसूरती से इसे फिल्माया  गया है हसीन वादियाँ  और हरे मैदान ...साथ ही चाइल्ड आर्टिस्ट  की मासूमियत तो देखते ही बनती है ..रही बात कहानी की तो  कहानी आपको इस गाने से प्यार करने पे मजबूर कर देगी ..

6 comments:

  1. वाह ... बहुत ही मस्त है गीत ...

    ReplyDelete
  2. बिल्कुल दिगम्बर जी गाना और कहानी जो इन कुछ लम्हों में बयाँ की गयी है दोनों ही असरदार है ..

    ReplyDelete
  3. सहीं कहाँ आपने इस गाने को मैंने खुद हज़ारों बार सुना होगा। और हर किसी के मोबाईल में मौज़ुद हैं।

    ReplyDelete
  4. बिल्कुल तरुण जी

    ReplyDelete