Friday 1 July 2016

फूल खिलते है मुस्कुराने से

ग़ज़लों को जब भी सुना जाता है मन किसी और ही जंहा में चला जाता है
जैसे हल्की हल्की बारिश की बूंदे बरश रही हो और दिल को सुकून दे रही हो
ऐसी ही आवाज़ के मालिक है तौसीफ अख्तर जिन्होंने ग़ज़लों से शुरुआत की
फिर कई गाने बॉलीवुड के लिए भी गाये  और
"चाँद तारे फूल सबनम तुमसे अच्छा कोन है " जैसे गाने काफी पसंद भी किये गये।
लेकिन उसके बाद वो वापस ग़ज़लों की दुनिया में लोट आये और उन्ही से

वो सुकून की बारिश करते है एक ऐसी ही ग़ज़ल है जो मुझे बेहद पसंद है

••फूल खिलतें है मुस्कुराने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
कुछ नहीं तो दुआ सलाम सही
प्यार बढ़ता है आने जाने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
फूल खिलते है मुस्कुराने से
चेहरा हर राज़ खोल देता है
इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
तुम से हम कह नहीं सके वर्ना
चाहते है तुम्हे ज़माने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
फूल खिलते है मुस्कुराने से

2 comments:

  1. सुन्दर शब्द रचना
    नव बर्ष की शुभकामनाएं
    http://savanxxx.blogspot.in

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    1. आपको ग़ज़ल पसंद आई उसके लिए शुक्रिया और आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ..

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