Wednesday 27 July 2016

दो साये.....

पक्की सडकें हो गयी है जब से पुरानी गलियों से अब कोई गुज़रता नहीं
वक़्त भी आखिर वक़्त है न जाने क्यू यूँ तन्हा गुज़रता नहीं
दो साये अब भी उस पुरानी हवेली में दिखाई देते है
कभी मिलकर बतियाया करते है
तो कभी दीवारों से गुफ़्तगू हुआ करती है उनकी

Thursday 14 July 2016

फिर छिड़ी रात बात......सोनू निगम और तलत अज़ीज़

बारिश के मौसम में ग़ज़ल सुनना यानी ख़ुशी दोगुनी और दो बेहतरीन गायको को एक साथ सोनू निगम  और तलत अज़ीज़

दोनों की जुगलबंदी इस ग़ज़ल में वाकई बहुत उम्दा है

तलत अज़ीज़ को साल भर पहले सुना था ।ग़ज़ल थी "अब क्या ग़ज़ल सुनाऊ तुझे देखने के बाद "


तब पता नहीं था ।की ग़ज़ल गायी किसने है





"फिर छिड़ी रात बात फुलों की

रात है या बारात फूलों की

फूल के हार,फूल के गजरे

शाम फूलों की,रात फूलों की

आप का साथ,साथ फूलों का

आप की बात ,बात फूलों की

फूल खिलते रहेँगे दुनिया में

रोज़ निकलेगी बात फूलों की

नज़रें मिलती है जाम मिलते है

मिल रही है हयात फूलों की



ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम

जैसे सेहरा में रात फूलों की



Tuesday 5 July 2016

मासूमियत

 ज़िंदगी शायद यूँही गुजरती रहती है
कूदते फांदते दिन तो निकल जाता है

रात की मुश्किल है बिना रोटी के नींद नहीं देती
कभी इस करवट कभी उस करवट कट जाती है रात फिर
सुबह रौशनी लेके आती है खोई हुई तेरी मेरी आँखों में










उम्मीद की चमक दे जाती है

Friday 1 July 2016

फूल खिलते है मुस्कुराने से

ग़ज़लों को जब भी सुना जाता है मन किसी और ही जंहा में चला जाता है
जैसे हल्की हल्की बारिश की बूंदे बरश रही हो और दिल को सुकून दे रही हो
ऐसी ही आवाज़ के मालिक है तौसीफ अख्तर जिन्होंने ग़ज़लों से शुरुआत की
फिर कई गाने बॉलीवुड के लिए भी गाये  और
"चाँद तारे फूल सबनम तुमसे अच्छा कोन है " जैसे गाने काफी पसंद भी किये गये।
लेकिन उसके बाद वो वापस ग़ज़लों की दुनिया में लोट आये और उन्ही से

वो सुकून की बारिश करते है एक ऐसी ही ग़ज़ल है जो मुझे बेहद पसंद है

••फूल खिलतें है मुस्कुराने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
कुछ नहीं तो दुआ सलाम सही
प्यार बढ़ता है आने जाने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
फूल खिलते है मुस्कुराने से
चेहरा हर राज़ खोल देता है
इश्क़ छुपता नहीं छुपाने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
तुम से हम कह नहीं सके वर्ना
चाहते है तुम्हे ज़माने से
मुस्कुरा दो किसी बहाने से
फूल खिलते है मुस्कुराने से